बेस्टसेलरः तकनीकी सुलझनें :लेखक- बालेन्दु शर्मा दाधीच
Takneeki
Suljhanen by Balendu Sharma Dadhich
‘तकनीकी सुलझनें’ वरिष्ठ
पत्रकार और तकनीक विशेषज्ञ बालेन्दु शर्मा दाधीच
द्वारा लिखी गई पुस्तक है, जिसमें आम कंप्यूटर
प्रयोक्ताओं की चुनिंदा समस्याओं, उलझनों और
जिज्ञासाओं का समाधान किया गया है। किताब का पूरा नाम
है- ‘तकनीकी सुलझनें: रहस्यावरण से मुक्त, सरल,
सार्थक, सुरक्षित और लाभप्रद कंप्यूटिंग।’ दिसंबर 2013
में प्रकाशित यह पुस्तक समस्या-समाधान की थीम पर
आधारित है। इसमें तकनीकी दुनिया के विविध क्षेत्रों पर
आधारित तीस बिंदुओं को उठाया गया है, जिनके बारे में
प्रायः आम लोगों के मन में जिज्ञासा रहती है। हर
अध्याय में एक उलझन को सुलझाया गया है और उसी से किताब
को ‘तकनीकी सुलझनें’ नाम मिला है। इसका पाठक वर्ग है
वे लोग, जो कंप्यूटर, गैजेट्स, इंटरनेट या मोबाइल फोन
आदि का किसी न किसी तरह से प्रयोग करते हैं।
पुस्तक का प्रथम संस्करण
विमोचन के चार माह के भीतर ही पूरा बिक गया है।
दूसरे संस्करण की प्रतीक्षा है।
पुस्तक में ऐसी कई तकनीकी समस्याओं और
सुविधाओं पर से रहस्य का परदा हटाने का प्रयास किया गया है, जिन्हें
आम तौर पर पाठक बहुत जटिल मानते आए हैं। तकनीकी माध्यमों पर अपनी
निजता और सुरक्षा को कैसे पक्का किया जाए, वह इसका एक प्रमुख विषय
है। लेखक का फोकस ऐसी जानकारियाँ देने पर है जो पाठक का समय, श्रम और
धन बचाएँ तथा उसे अपने कौशल का लाभप्रद प्रयोग करने में मदद करें।
इंटरनेट के जरिए जायज तरीकों से धन कमाने, बेहद सस्ती दरों पर जेनुइन
(वैध) सॉफ्टवेयर खरीदने, पूरी तरह निःशुल्क सॉफ्टवेयर से लाभान्वित
होने जैसे अध्याय इसके उदाहरण हैं।
तकनीकी सुलझनें के लेखक बालेन्दु शर्मा
दाधीच स्वयँ सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्यरत होने के
साथ-साथ तकनीकी विषयों के सुपरिचित लेखक और फ्री सॉफ्टवेयर आंदोलन के
प्रतिभागी हैं। पुस्तक के विविधतापूर्ण अध्यायों में उनका अनुभव
झलकता है। यहाँ कंप्यूटर नेटवर्किंग से लेकर सोशल नेटवर्किंग और
साइबर क्राइम से लेकर इंटरनेट पर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने
जैसे मुद्दे उठाए गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए)
द्वारा आम इंटरनेट उपयोक्ताओं की निगरानी और जासूसी जैसी चुनौतियों
से आम कंप्यूटर उपयोक्ता कैसे निपट सकता है, उसका उत्तर भी यहाँ
मिलेगा।
यह किताब न सिर्फ आपकी
जिज्ञासाओं का समाधान करती है बल्कि तकनीकी अवधारणाओं को समझने और
तकनीक से जुड़ी गलतफहमियों, आशंकाओं आदि को भी समाप्त करती है।
सबसे बड़ी बात यह है कि पाठक इसकी मदद से तकनीकी जरियों पर व्यर्थ
होने वाला काफी धन भी बचा सकते हैं, जैसे बेहद सस्ते दामों पर असली
(जेनुइन) सॉफ्टवेयर खरीदकर, इंटरनेट का प्रयोग धनार्जन के लिए करने
की गुत्थियाँ सुलझाकर, पेन ड्राइव आदि के अतिरिक्त खर्च से बचकर
(क्योंकि इसमें ऐसी चीजों के बेहतर, मुफ्त विकल्प सुझाए गए हैं),
खराब कंप्यूटर की समस्या का खुद पता लगाकर मैकेनिक/टेक्नीशियन
के लंबे-चौड़े बिल से बचकर आदि।
चुनिंदा आलेखों की सूची
-संभव
है इंटरनेट पर जायज तरीकों से धन कमाना
-जेनुइन सॉफ्टवेयर भी मिलते हैं बहुत सस्ते दामों
पर
-कोई चोरी-छिपे एक्सेस करता है आपका ईमेल अकाउंट?
-कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं अपना कंप्यूटर
-घर पर अश्लील वेबसाइटें तो नहीं देखते आपके बच्चे?
-बचाओ! बचाओ!! खुफिया एजेंसियों से अपनी प्राइवेसी
-नया खरीदें या पुराने गैजेट को ही बना लें नया!
-ऐसे वापस लौटेगा आपका चोरी गया लैपटॉप
-जहाँ आप, वहीं फाइलें, पेन ड्राइव अलविदा!
-क्या आपको सचमुच आता है गूगल पर सर्च करना?
-किसने भेजा वह बेनामी, आपत्तिजनक ईमेल?
-घर में क्यों नहीं बन सकता, छोटा सा कंप्यूटर नेटवर्क?
-कंप्यूटर ठप? मैकेनिक को बुलाने से पहले का ‘डायग्नोसिस’
-हो ही गए साइबर क्राइम के शिकार! अब आगे क्या?
-फाइल डिलीट? गुम? ड्राइव फॉरमैटेड? रिलैक्स! रिकवरी संभव है
-क्या मुफ्त का एंटी-वायरस भी इंस्टाल नहीं करेंगे आप?
...और 14 अन्य आलेख।
‘तकनीकी सुलझनें’ में कंप्यूटर
सुरक्षा, इंटरनेट पर प्राइवेसी, अपनी पहचान की सुरक्षा, साइबर
क्राइम, सोशल नेटवर्किंग, इंटरनेट सुविधाओं का बेहतर प्रयोग,
हार्डवेयर संबंधी समस्याओं का समाधान, सॉफ्टवेयर संबंधी मुद्दे, बिना
कुछ खर्च किए कंप्यूटिंग अनुभव को बेहतर बनाने के तरीके, कंप्यूटर और
स्मार्टफोन के बीच तालमेल, रोजमर्रा के कामकाज से जुड़ी जिज्ञासाएँ
(इंटरनेट फोन कॉल, कंप्यूटर से फैक्स, घरेलू नेटवर्किंग आदि) जैसे
विषय उठाए गए हैं।
यह तीन पुस्तकों की श्रृंखला की पहली प्रस्तुति है। पुस्तक का
प्रकाशन ईप्रकाशक.कॉम (eprakashak.com) ने किया है, जो 2012 से हिंदी
में ईबुक्स के क्षेत्र में सक्रिय है। ‘तकनीकी सुलझनें’ भी ईबुक के
रूप में उपलब्ध है। लगभग 250 पृष्ठ की इस पुस्तक के मुद्रित संस्करण
का मूल्य 235 रुपए है और ईबुक संस्करण का 135 रुपए।
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दिल्ली पुस्तक मेला की मुख्य थीम बनी ईबुक
दिल्ली में तक आयोजित दिल्ली पुस्तक मेले की मुख्य थीम के रूप में इस बार ई-बुक्स को लिया गया। यह भारत में ई-बुक्स की बढ़ती लोकप्रियता और उपयोगिता की ओर संकेत देता है। मेले के दौरान ई-बुक्स से जुड़े विविध कार्यक्रम हुए और हजारों ई-बुक्स प्रदर्शित की गईं। पुस्तक मेला में ई-बुक्स के प्रति दिखाई दिए उत्साह ने स्पष्ट कर दिया कि हिंदी और दूसरी भारतीय भाषाएँ किताबों की दुनिया में एक नई रचनात्मक क्रांति के लिए तैयार हैं, और वह है- ई-बुक क्रांति।
Kindle ebook sales overtake Amazon print sales
Amazon.co.uk has said that sales of its Kindle ebooks are now outstripping its sales of printed books.Underlining the speed of change in the publishing industry, Amazon said that two years after introducing the Kindle, customers are now buying more ebooks than all hardcovers and paperbacks combined. According to unaudited figures released by the company, since the start of 2012, for every 100 hardback and paperback book sold on its site, customers downloaded 114 ebooks. Amazon said the figures included sales of printed books which did not have Kindle editions.
Source: The Guardian, London
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