ई-बुक क्या है?
ईबुक हूबहू एक मुद्रित किताब के समान है जिसे पढ़ने के लिए किसी न किसी डिजिटल युक्ति (डिवाइस) की ज़रूरत पड़ती है, जैसे- कंप्यूटर और लैपटॉप। आजकल खास तौर पर ई-बुक्स को पढ़ने के लिए ई-बुक रीडर्स बाज़ार में उपलब्ध हैं, जो पुस्तक प्रेमियों, छात्रों और लेखकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। अमेज़न का किंडल (kindle) और सोनी का ई-बुक रीडर काफी लोकप्रिय हैं। हालाँकि ई-बुक पढ़ने के लिए खास तौर पर ई-बुक रीडर खरीदने की जरूरत नहीं है और आप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप या टैबलेट पर भी इनका आनंद ले सकते हैं।
एपल के आई-पैड सहित दूसरे दर्जनों टैबलेट्स पर ई-बुक पढ़ी जा सकती हैं जिनमें बेहद सस्ते टैबलेट्स भी शामिल हैं। इतना ही नहीं, ज़्यादातर स्मार्टफोन्स में भी ई-बुक डाउनलोड करने और पढ़ने की व्यवस्था होती है। ई-बुक्स अपनी सुलभता के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं और हाल ही में अमेज़न ने कहा था कि उसके बुक स्टोर पर बिक्री के मामले में ई-बुक्स ने मुद्रित किताबों को पीछे छोड़ दिया है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि ई-बुक्स मुद्रित पुस्तक की तुलना में सस्ती होती हैं।
ई-बुक के सस्ता होने का कारण यह है कि इन पर पहली बार आने वाली लागत के बाद अमूमन कोई लागत नहीं आती। एक बार ई-बुक विकसित और प्रकाशित होने के बाद लेखक उसकी अनंत फाइलें बनाने के लिए स्वतंत्र है। इसलिए लेखक की लागत बहुत कम होती है और इसका लाभ पाठक तक पहुँचता है। भारत में भी ई-बुक्स का ट्रेंड तेजी से जोर पकड़ रहा है और अंग्रेजी के साथ-साथ भारतीय भाषाओं में भी ई-बुक्स खूब दिखने लगी हैं। दिल्ली में सितंबर 2012 में हुए विश्व प्रसिद्ध दिल्ली पुस्तक मेले में ई-बुक को मुख्य थीम बनाकर भारतीय प्रकाशकों के संगठन ने भी ई-बुक्स में अपनी रुचि प्रकट की है। यह एक नए क्षेत्र में उभरते हुए अवसरों का भी संकेत है।
ईबुक ऐसी तकनीकी किताब है, जो लेखक, प्रकाशक और पाठक सभी के लिए फ़ायदे का सौदा है। हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं के लेखक ई-प्रकाशक के माध्यम से अपनी ई-बुक्स प्रकाशित करवा सकते हैं। ई-प्रकाशक की शुरूआत विशेष तौर पर इन्हीं भाषाओं को ध्यान में रखते हुए हुई है क्योंकि इन्डिक यूनिकोड से संबंधित जटिलताओं की वजह से आज भी हिंदी में ई-बुक्स का प्रकाशन चुनौतीपूर्ण है। अलबत्ता, ई-प्रकाशक इन सभी चुनौतियों को तकनीकी रूप से सुलझाने और आकर्षक इंडिक ई-बुक्स के प्रकाशन में सक्षम है।
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दिल्ली पुस्तक मेला 2012 की मुख्य थीम बनी ईबुक
दिल्ली में 1 से 9 सितंबर 2012 तक आयोजित दिल्ली पुस्तक मेले की मुख्य थीम के रूप में इस बार ई-बुक्स को लिया गया। यह भारत में ई-बुक्स की बढ़ती लोकप्रियता और उपयोगिता की ओर संकेत देता है। मेले के दौरान ई-बुक्स से जुड़े विविध कार्यक्रम हुए और हजारों ई-बुक्स प्रदर्शित की गईं। पुस्तक मेला में ई-बुक्स के प्रति दिखाई दिए उत्साह ने स्पष्ट कर दिया कि हिंदी और दूसरी भारतीय भाषाएँ किताबों की दुनिया में एक नई रचनात्मक क्रांति के लिए तैयार हैं, और वह है- ई-बुक क्रांति।
Kindle ebook sales overtake Amazon print sales
Amazon.co.uk has said that sales of its Kindle ebooks are now outstripping its sales of printed books.Underlining the speed of change in the publishing industry, Amazon said that two years after introducing the Kindle, customers are now buying more ebooks than all hardcovers and paperbacks combined. According to unaudited figures released by the company, since the start of 2012, for every 100 hardback and paperback book sold on its site, customers downloaded 114 ebooks. Amazon said the figures included sales of printed books which did not have Kindle editions.
Source: The Guardian, London
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